प्यार से थोड़ा कम ही सही,
पर प्यार तो है ना।
दोस्त से थोड़ा ज्यादा मानता हूं तुम्हें,
कुछ बात तो है ना।
तुझे, कुछ पता नहीं,
पर तेरी हर बात मुझे याद तो है ना।
मैं सुखा हुआ जमीन की तरह हूं, मानता हूं
तु उसको भींगोने वाली बरसात तो है ना,
तु उसको भींगोने वाली बरसात तो है ना।।
अब तो ये दिल किसी का होता भी तो नहीं है,
किसी और के ख्वाब में सोता भी तो नहीं है,
तेरी ही बातों में उलझा-सा रहता है,
मेरी तो अब सुनता भी नहीं है,
रख लो ना, तुम इसे अपने पास
मेरे पास तो धड़कता भी नहीं है
क्या करूं मैं इसका, तुम्हीं बताओ ना
इस उल्लू को तुम्हीं समझाओं ना, तुम्हारे सिवा किसी
और की बातों को समझता भी तो नहीं है।
माना की नादान है,
पर तेरे लिए ही तो परेशान हैं,
तेरा ही तो आशिक है ये,
पर तू इसकी जान तो है ना,
तू इसकी जान तो है ना।
माना देखा नहीं मैं ने कभी तुझे उतनी सिद्दत से,
पर तेरी मुस्कान कितनी खूबसूरत है,
मुझे पता तो है ना।
माना मैं कभी डूबा नहीं
तुम्हारी आंखों की गहराई में
पर उसकी क़ातिलाना अदाओ के बारे में एहसास तो है ना।
अच्छा एक बात बताओ
क्यूं तड़पाती हो इतना मुझे,
अच्छा लगता है?
बताओ ना, क्या तुम्हें अच्छा लगता है?
तुम्हारे लिए ही तो लिखता रहता हूं,
तुमने पढ़ा तो है ना।
जिस तरह मैं सोचता हूं तुम्हें,
तुमने कभी सोचा तो है ना,
सोचा तो है ना।।
तेरा केशव बनना है मुझे,
मेरी राधा बनोगी तुम ना।
एक दिल ही तो है जिसका आधा हूं मैं
बाकी आधा बनोगी तुम ना।
अब बता भी दो
तुम्हें प्यार तो है ना?
तेरा ही तो हूं मैं
ये बात तुम्हें याद तो है ना,
याद तो है ना।।
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imkeshavsawarn |Manish Kumar
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