चलो तो सही

“चलो तो सही” – RhYmOpeDia

चलो तुम्हारी आँखों में अपना शहर बसाते हैं,
चलो तुम्हारी हसीं से अपना जहाँ रोशन करते हैं,
चलो तुम्हारी आवाज़ को अपना संगीत बनाते हैं,
चलो तुम्हारी चाल को अपनी चाल बनाते हैं,
चलो तुम्हारे हाथों को थाम कर दूर तक का सफर करते हैं,
चलो तुम्हारे बातों के साथ सुबह-शाम करते हैं,
चलो तुम्हारे खामोशियों से बात करते हैं,
चलो तुम्हारे मासूमियत से इश्क फरमाते हैं,
चलो तुम्हारे खुशबू को इत्र बना इस्तेमाल करते हैं
चलो तुम्हारे झलक के साथ रोज़ा खत्म करते हैं,
चलो तुम्हारे साथ होली-‌ दीवाली मनाते हैं,
चलो तुम्हें अपनी ज़िन्दगी बनाते हैं,
चलो तो सही तुम्हारे साथ जिंदगी बिताते हैं।

तुम दूर तक साथ तो चलोगी ना?
मुझे गिरते हुए सम्हाल तो लोगी ना?
मेरा साथ तो दोगी ना?
मेरे गलतियों को थोड़ा माफ़ तो कर दोगी ना?
तुम खुद से रूबरू होने दोगी ना?
मुझे अपना जिंदगी तो बनाओगी ना?
तो फिर चलो हम साथ जिंदगी बिताते है।


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Published by Keshav Sawarn

I'm not perfect bcz im not fake....

26 thoughts on “चलो तो सही

  1. “चलो तुम्हारे खुशबू को इत्र बना इस्तेमाल करते हैं”
    How romantic !!
    Beautifully written.. I hope, the person will answer positively and will be in for the long run..

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  2. ओहो वाह अप्रतीम ।
    चलो तुम्हारी बातों से करते है आगाज़, आज एक नई जिंदगी की।

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  3. लाजवाब और बेहद उम्दा लेखन! साधुवाद आपको |

    चलूँ तो सही
    बस इतना भर कह दो
    जो तुम्हारी मुझसे अपेक्षाएं हैं
    वही आकांक्षाएं
    मैं तुमसे कर लूँ ना ?

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    1. बहुत- बहुत धन्यवाद!!! और आप जो यह चंद पंक्तियों में भावनाओं को पिरोकर बातों को प्रस्तुत करते हैं वो लाजवाब 👌👌👌

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  4. अनायास ही इस ब्लॉग पर आज आगया |  शायद पहले भी कहा हो , फिर से कह देता हूँ :
    वाह! बेहद खूबसूरत | क्या अंदाज़े बयां है :
    “चलो तुम्हारे खुशबू को इत्र बना इस्तेमाल करते हैं
    चलो तुम्हारे झलक के साथ रोज़ा खत्म करते हैं,”
     लिखते रहें | साधुवाद | 

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